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marriage tips & Ideas
 
विवाह संबंधी जानकारिया
आशा करता हुँ इन तमाम चीजो को आप समझकर कुन्डली मिलवाएं तो वेवाहिक जीवन सुखद और सफल रहेगा.
 
 

बच्चों के विवाह को लेकर हर माँ बाप के दिल से पूछिये कि उनका बच्चा जबसे विवाह के योग्य होता है उनके दिन-रात बेचैनी के साथ बीतने लगते हैं एक ओर तो आँखों में बच्चे के विवाह के सपने होते हैं उमँग होती है तो दूसरी ओर चिन्ता भी होती है लड़का कैसा मिलेगा या बहू कैसी मिलेगी दोनों ही तरफ से चिंताएँ होती हैं, बच्चे का वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा और आजकल तो हर माँ बाप के मन में एक और चिन्ता रहने लगी है कि वैवाहिक जीवन ठीक तो गुजरेगा कहीं तलाक की नौबत तो नहीं आ जायेगी कहीं जग हँसाई तो नहीं होगी ? तो हम इसी विषय को ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से बताते हैं कि विवाह देर से क्यों होते हैं और क्या कारण होते हैं देरी से विवाह होने के और विवाह में अड़चनें क्यों आती हैं तथा किस उम्र के पडाव में आपकी शादी होना अच्छा होता है किस के साथ शादी करने से आपके जीवन में मुश्किलें आ सकती हैं और किस के साथ शादी करके आपका वैवाहिक जीवन सुन्दर हो सकता है ! कुंडली इसलिए मिलायी जाती है क्योंकि पति-पत्नी दोनों के रिश्ते आपस में एक दूसरे के जीवन, स्वास्थ और सौभाग्य पर सीधा असर डालते हैं क्योंकि इस रिश्ते में शारीरिक तथा मानसिक ऊर्जाओं का मिलन होता है इसीलिए पति-पत्नी के विचार, व्यवहार, विश्वास का सीधा असर कुंडली मिलान से पता चलता है वर और वधू के विवाह से पहले कुंडली मिलायी जाती है आमतौर पर हिन्दूधर्म में यह परंपरा बहुत ज्यादा है और कुंडली मिला के यह देखते है कि दोनों का परस्पर वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा क्यों कि मामला विवाह का है एक दूसरे को सारा जीवन निभाना है शादी एक बार होती है ज्यादा तर व्यक्ति चाहता है कि जीवन का जो बड़ा महत्वपूर्ण Decision है वो सही रहे अच्छी तरह से बना रहे बिनावजह बार-बार इसमें दिक्कत न आये बार-बार टूटे नहीं दोनों के बीच में प्रेम सम्बन्ध मधुर रहे इसके लिए कुंडली मिला के देखी जाती है अगर कुंडली नहीं मिलती है तो विवाह करना अच्छा नहीं मानते हैं ! जब हम गृहस्थी बनाते हैं तब पति-पत्नी के रूप में मुख्यतः आठ प्रकार के सम्बन्धों से जोड़े जाते हैं या यूँ समझिये कि हमारे नित्त प्रतिदिन आठ प्रकार के वैचार या क्रिया कलाप जुड़े हुऐ होते हैं और इन्हीं को हम कहते हैं गुंण या दोष यदि आठ कूट जो होते हैं ये जो आठ क्रिया कलाप होते हैं यदि ये कूट आपस में मिलें तो कहते है गुंण हो गये यदिये कूट एक-दूसरे से नहीं मिले तो कहा जाता है दोष हो गया और यही गुंण-दोष होते है माता - पिता अपनी संतान के हिट और उसके सुन्दर भविष्य की कामना करते है और यह उनका अधिकार होता है अपने बच्चो पर / कुंडली मिलान के नियम के बारे में आपको बहुत सारे पक्ष बताये जिनको अगर कुंडली मिलते समय आप ध्यान में रखें तो वैवाहिक जीवन अच्छा तय करता है आशा करता हुँ इन तमाम चीजो को आप समझकर कुन्डली मिलवाएं तो वेवाहिक जीवन सुखद और सफल रहेगा.